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हिणा माणस ठाढे तै, मजबुर भी होज्याया करै / राजेराम भारद्वाज
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18:25, 23 मई 2018
सांग:– शकुंतल-दुष्यंत (अनुक्रमांक-18)
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'हिणा माणस ठाढे तै, मजबुर भी होज्याया करै,'''
'''हाथ जोड़ले के नही माफ, कसूर भी होज्याया करै ।। टेक ।।'''
Sandeeap Sharma
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