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01:12, 15 जून 2018 के समय का अवतरण
एहसास / रंजना वर्मा
रचनाकार | रंजना वर्मा |
---|---|
प्रकाशक | साई प्रकाशन, फैज़ाबाद, उ. प्र. |
वर्ष | 2012 |
भाषा | |
विषय | |
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ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- आप आयेंगें जान आयेगी / रंजना वर्मा
- जब कभी हम नज़र उठाते हैं / रंजना वर्मा
- रहो नज़र में सदा हमारी इसीलिये दिल मचल रहा है / रंजना वर्मा
- स्वप्न आँखों मे सजाते रह गये हम / रंजना वर्मा
- उन्हें लगी न क्यूँ खबर न पूछिये हम से / रंजना वर्मा
- बहुत दिनों तक समझ न पाये करम वही हम को खल रहा है / रंजना वर्मा
- अँधेरों से निकलना चाहते हैं / रंजना वर्मा
- साथिया और मत सता हम को / रंजना वर्मा
- किताबे इश्क़ में ये कब लिखा है / रंजना वर्मा
- टूट जाये जो कभी प्यार वो रिश्ता ही नहीं / रंजना वर्मा
- दर्द दिल के मिटाये जायेंगे / रंजना वर्मा
- है मज़ा आ रहा आज बरसात में / रंजना वर्मा
- वो जो मर मर के जिया करते हैं / रंजना वर्मा
- चाँद के रुख पे घटाओं का पद जब साया / रंजना वर्मा
- है न आती बहार फूल भी नहीं खिलते / रंजना वर्मा
- सच्चाइयाँ अफ़सानों को कह ढूंढ़ रहे हैं / रंजना वर्मा
- हम ने तो तुझे प्यार का पैग़ाम दिया था / रंजना वर्मा
- रात थी बदली घनी चन्दा भी अपने घर गया / रंजना वर्मा
- बहादुरों में उन्हीं का शुमार करते हैं / रंजना वर्मा
- मुबाहसों में हर इक शख़्स मुब्तिला होगा / रंजना वर्मा
- पहचान न होती तो अनजाना बना लेते / रंजना वर्मा
- उस को क्या कुछ नहीं सुना आये / रंजना वर्मा
- मेरे वजूद में पिन्हा है जिंदगी बन कर / रंजना वर्मा
- अब जिंदगी का साथ निभाया नहीं जाता / रंजना वर्मा
- अब मसर्रत की कोई नज़्म न गा पाओगे / रंजना वर्मा
- गुफ़्तगू ये हवा कर रही है / रंजना वर्मा
- जब जब भी याद आयी तेरी आँख हुई नम / रंजना वर्मा
- नेक ख़ुदा का बन्दा है / रंजना वर्मा
- फिर कसम खायी है दिल ने प्यार की / रंजना वर्मा
- कर चुकी है अब बहुत लिहाज़ जिंदगी / रंजना वर्मा
- दिल में अरमान फिर हैं मचलने लगे / रंजना वर्मा
- उम्र सारी है इंतज़ार किया / रंजना वर्मा
- दर्द दिल में सभी छुपा रहती / रंजना वर्मा
- तुम्हारे इश्क से अब तो उबर जाने की सोची है / रंजना वर्मा
- खिलने लगी हैं देखिये कलियाँ गुलाब की / रंजना वर्मा
- इस मुहब्बत में कोई भाया नहीं / रंजना वर्मा
- सफ़र में अकेले ही चलते रहे / रंजना वर्मा
- किसी और को आजमाना नहीं है / रंजना वर्मा
- प्यार अपना भी सहारा था कभी / रंजना वर्मा
- देखूँ जिधर भी दिखता ठिकाना उसी का है / रंजना वर्मा
- समय इलज़ाम कुछ लेता नहीं है / रंजना वर्मा
- जो भरा मन में वो बाहर है कहाँ / रंजना वर्मा
- जब कभी फूट के रोये होंगे / रंजना वर्मा
- कहा किसने हुआ वो बेवफ़ा है / रंजना वर्मा
- वक़त जो वक्त की समझ नहीं है / रंजना वर्मा
- तुम्हारे दर पे जब भी सर झुका है / रंजना वर्मा
- कभी ख़्वाब में आपसे बात की / रंजना वर्मा
- तुम्हारी याद ने इतना तो बेक़रार किया / रंजना वर्मा
- टूट जाये हों न इतनी सख्तियाँ / रंजना वर्मा
- इश्क़ ने छू लिया मौजों में रवानी आयी / रंजना वर्मा
- हम अपनी मोहब्बत को अहसास नया देंगे / रंजना वर्मा
- बात बस एक ही वो कहता था / रंजना वर्मा
- जिंदगी के बड़े झमेले हैं / रंजना वर्मा
- ख़्वाब आँखों में सजाने के लिये कोशिश करें / रंजना वर्मा
- बागे सबा बहार को लाती जरूर है / रंजना वर्मा
- मन का दिया दिया है तुमको इसे जलाये रखना / रंजना वर्मा
- लुटी जिंदगी की हैं खुशियाँ रंजो ग़म की दुनियाँ पायी / रंजना वर्मा
- यहाँ तो दर्द की बहती हवा का मौसम है / रंजना वर्मा
- अब कहाँ है शोर जो तन्हाईयाँ बदलूँ / रंजना वर्मा
- किया जो प्यार है उस प्यार को निभा देना / रंजना वर्मा
- हमको दुनियाँ से इस मिला क्या है / रंजना वर्मा
- तलाशे यार में हैं यार कहीं मिलता नहीं / रंजना वर्मा
- हमें हर रात यही बेकली सतायेगी / रंजना वर्मा
- फागुनी देखो हवा चलने लगी / रंजना वर्मा
- तू अगर हमसफ़र नहीं होता / रंजना वर्मा
- कब मसाइल जिंदगी के कम हुए / रंजना वर्मा
- रोज़ जीने के बहाने ढूंढ़ते हैं / रंजना वर्मा
- निगाहों से निगाहें तो मिला लो / रंजना वर्मा
- अश्क़ आंखों में भर गये होंगे / रंजना वर्मा
- किसी के लिये यूँ न आँसू बहाना / रंजना वर्मा
- दिल है पहलू से जैसे जुदा हो गया / रंजना वर्मा
- आयी जो है आफात की बरसात ने मुझे / रंजना वर्मा
- जाने अजीब कौन सी ये बात हो गयी / रंजना वर्मा
- नाम तेरा जब लब पर आया करता था / रंजना वर्मा
- नज़र में ख़्वाब की दुनियाँ बसाये फिरते हैं / रंजना वर्मा
- दर्दो ग़म से मुलाक़ात होती रही / रंजना वर्मा
- द्वार रब के आज फिर कोई दुहाई दे रहा / रंजना वर्मा
- कहा जो भी था अनकहा हो गया / रंजना वर्मा
- सर पे जो मेरे वक्त का साया नहीं होता / रंजना वर्मा
- बाँधे जो दो दिलों को जंजीर देखता जा / रंजना वर्मा
- बिना वजह दिल जला रहा था / रंजना वर्मा
- जी मुहब्बत से भर गया कब का / रंजना वर्मा
- राह को अपना बनाना रह गया / रंजना वर्मा
- आँख में लोगों के जब तक भी नमी बाक़ी रहे / रंजना वर्मा
- दिन रात चले फिर भी पाया न सहारा है / रंजना वर्मा
- जाते हुए न जाने क्यों ये काम कर गया / रंजना वर्मा
- यही सोच लो क्यों मिली जिंदगी है / रंजना वर्मा
- बिन तुम्हारे है जिंदगी ही नहीं / रंजना वर्मा
- क्या पता कब कौन किस से यूँ जुदा हो जायेगा / रंजना वर्मा
- मिलती है जमाने मे मुहब्बत कहाँ कहाँ / रंजना वर्मा
- छोड़ दूं गाँव क्यों इल्ज़ाम से पहले पहले / रंजना वर्मा
- मरते दम तक ऊँचा परचम होता है / रंजना वर्मा
- जो भूखे पेट हैं तू मुँह में उनके भी निवाला कर / रंजना वर्मा
- बैठ कर दूर हो मुस्कुराते बहुत / रंजना वर्मा
- यूँ तो दिखायी देता मौसम बड़ा सुहाना / रंजना वर्मा
- ग़मों का दिलों में ठिकाना बना है / रंजना वर्मा
- सामने आया जमाना भी कई मंज़र लिये / रंजना वर्मा
- मुहब्बत में करना बहाना नहीं / रंजना वर्मा
- बहुत याद माज़ी की आती है यारो / रंजना वर्मा
- हरिक उम्मीद छूटी जा रही है / रंजना वर्मा
- है चाँदनी वो औ मैं अँधेरा सियाह हूँ / रंजना वर्मा