भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"हाइकु 154 / लक्ष्मीनारायण रंगा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लक्ष्मीनारायण रंगा |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

14:01, 27 जुलाई 2018 के समय का अवतरण

अरे कणै तो
चै‘रे परला चै‘रा
उतार मन!


शकुंतलावां
भूलती जा रैयी है
दुष्यतां नैं ई


चैफेर बधै
तक्षक नाग आज
जन्मेजै जाग