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क्रान्ति के लिए जली मशाल | क्रान्ति के लिए जली मशाल | ||
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क्रान्ति के लिए उठे क़दम ! | क्रान्ति के लिए उठे क़दम ! | ||
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भूख के विरुद्ध भात के लिए | भूख के विरुद्ध भात के लिए | ||
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रात के विरुद्ध प्रात के लिए | रात के विरुद्ध प्रात के लिए | ||
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मेहनती ग़रीब जाति के लिए | मेहनती ग़रीब जाति के लिए | ||
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हम लड़ेंगे, हमने ली कसम ! | हम लड़ेंगे, हमने ली कसम ! | ||
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छिन रही हैं आदमी की रोटियाँ | छिन रही हैं आदमी की रोटियाँ | ||
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बिक रही हैं आदमी की बोटियाँ | बिक रही हैं आदमी की बोटियाँ | ||
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किन्तु सेठ भर रहे हैं कोठियाँ | किन्तु सेठ भर रहे हैं कोठियाँ | ||
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लूट का यह राज हो ख़तम ! | लूट का यह राज हो ख़तम ! | ||
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तय है जय मजूर की, किसान की | तय है जय मजूर की, किसान की | ||
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देश की, जहान की, अवाम की | देश की, जहान की, अवाम की | ||
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− | + | लिख गई है मार्क्स की क़लम ! | |
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14:11, 31 जुलाई 2018 के समय का अवतरण
क्रान्ति के लिए जली मशाल
क्रान्ति के लिए उठे क़दम !
भूख के विरुद्ध भात के लिए
रात के विरुद्ध प्रात के लिए
मेहनती ग़रीब जाति के लिए
हम लड़ेंगे, हमने ली कसम !
छिन रही हैं आदमी की रोटियाँ
बिक रही हैं आदमी की बोटियाँ
किन्तु सेठ भर रहे हैं कोठियाँ
लूट का यह राज हो ख़तम !
तय है जय मजूर की, किसान की
देश की, जहान की, अवाम की
ख़ून से रंगे हुए निशान की
लिख गई है मार्क्स की क़लम !