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"बाबी / गंग नहौन / निशाकर" के अवतरणों में अंतर

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करैत छथि कोनो कबुला
 
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गामक माटिक सुगंध
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बासमती धानक गंध
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ओहिना बाबीक दतमनि।
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ताकनहुँ नहि भेटत
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एहि महानगरमे हमरा
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दूध सन उज्जर
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बाबीक केश।
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आइ-काल्हि पड़ैछ
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सम्बन्धमे दराड़ि
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भाइ नहि होइछ भाइ
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बाप-पित्ती धरि बिसरि जाइछ
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मुदा एहनोमे
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माइयोसँ बेसी
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रखैत छथि खियाल
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हमर बाबी।
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हमरा फिकिर अछि
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कोना बचत
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विद्यापति पदावली
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मिथिलाक मिठास
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बाबीक कंठमे।
  
  
 
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02:54, 19 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण


गंगा स्नानक बाद
छाती भरि पानिमे
सुरुजकें अर्ध्य दैत
किछु बुदबुदाइत
फेर गंगा कातमे
बारैत अगरबत्ती
चढ़ाबैत बतस्सा
करैत छथि कोनो कबुला
हमर बाबी।

जेना मोन पड़ैछ
गामक माटिक सुगंध
बथुआक साग
बासमती धानक गंध
ओहिना बाबीक दतमनि।

ताकनहुँ नहि भेटत
एहि महानगरमे हमरा
दूध सन उज्जर
बाबीक केश।

आइ-काल्हि पड़ैछ
सम्बन्धमे दराड़ि
भाइ नहि होइछ भाइ
बाप-पित्ती धरि बिसरि जाइछ
मुदा एहनोमे
माइयोसँ बेसी
रखैत छथि खियाल
हमर बाबी।

हमरा फिकिर अछि
कोना बचत
विद्यापति पदावली
मिथिलाक मिठास
बाबीक कंठमे।