भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

नागिन / हरिवंशराय बच्चन

No change in size, 10:56, 27 जुलाई 2008
दे तुझको व्‍याली की काया,
र्धूजटि धूर्जटि ने अपने जटिल जूट-
व्‍यूहों में तुझको भरमाया,
Anonymous user