"ताल्लिन / सिर्गेय तिमफ़ेइफ़ / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर
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आम तौर पर जहाँ बजता रहता था संगीत और चाय पीते थे लोग। | आम तौर पर जहाँ बजता रहता था संगीत और चाय पीते थे लोग। | ||
वे गर्मियों के दिन थे, और अच्छे दोस्तों के लिए | वे गर्मियों के दिन थे, और अच्छे दोस्तों के लिए | ||
− | सहज था सब कुछ। कोई भी | + | सहज था सब कुछ। कोई भी होशियार नहीं हुआ था |
वे खरीदारी करने गए थे एक साथ। | वे खरीदारी करने गए थे एक साथ। | ||
16:35, 14 नवम्बर 2018 के समय का अवतरण
पुराने ताल्लिन शहर में घूमते-घूमते
वे पहुँच गए थे उसके ऊपरी हिस्से में,
जहाँ कलाकार बेचते हैं
अपनी-अपनी कहानियाँ
हमेशा एक-सी।
उन्होंने ’साकू’ बीयर पी,
कभी यहाँ तो कभी वहाँ
उन्होंने भरपेट खाना खाया,
और हलका जलपान भी किया
उनके दोस्तों ने उन्हें, अपनी मुसीबतों के बोझ से
हलकान नहीं किया
हर जगह वे मिले उनसे और
उनके साथ-साथ घूमे-फिरे।
उन दिनों शहर में हो रहा था
एक बड़ा संगीत महोत्सव,
लेकिन उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी उसमें।
हालाँकि उस शहर के बीचोंबीच
रहते थे कितने ही परिचित, जो आए हुए थे उस महोत्सव में।
वह अब सिगार नहीं पी रहा था,
लेकिन उसके तम्बाकू के बटुवे से
आ रही थी अभी भी मीठी गन्ध
तम्बाकू की।
और
वह फिर से ढकने लगी थी अपना सिर
फीके रंग के रेशमी दुपट्टों से।
उन्हें यह शहर आकर्षित कर रहा था
लग रहा था सब कुछ वहाँ गोलाकार
पुराने घरों में बनाए जाने वाले उन गोल कमरों की तरह
जिनमें हमेशा बीच में पड़ी रहती थी एक गोल मेज़।
आम तौर पर जहाँ बजता रहता था संगीत और चाय पीते थे लोग।
वे गर्मियों के दिन थे, और अच्छे दोस्तों के लिए
सहज था सब कुछ। कोई भी होशियार नहीं हुआ था
वे खरीदारी करने गए थे एक साथ।
मूल रूसी भाषा से हिन्दी में अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए, अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए
Сергей Тимофеев
ТАЛЛИН
Они бродили по Старому Таллинну,
поднимались в его Верхний город,
там где художники продают свои
оригинальные сюжеты, всегда одни и те же.
Пили пиво "Saku" то здесь, то там,
плотно обедали, легко завтракали.
Их друзья, не обремененные невзгодами,
встречали их повсюду и отправлялись вместе.
В те дни в городе был большой рок-фестиваль,
но их он интересовал мало. Впрочем, в центре
было полно знакомцев, которые прибыли туда
по зову события. Он перестал курить трубку,
но от его кожаной папки все так же сладко пахло
табаком. Она опять стала носить на голове
шелковые платки неясных тонов. Их развлекал
город, в котором все казалось чуть
закругленным, как те комнаты в старых домах,
всегда со столиком посередине.
Обычно там играла музыка и пили чай.
Теперь было лето, славные друзья
делали все легко. Никто не становился мудрее,
но они ходили по магазинам вместе.