भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"कुमार रवींद्र" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
|जन्म=10 जून 1940 | |जन्म=10 जून 1940 | ||
|जन्मस्थान=लखनऊ, [[उत्तर प्रदेश]], भारत | |जन्मस्थान=लखनऊ, [[उत्तर प्रदेश]], भारत | ||
+ | |मृत्यु=01 जनवरी 2019 | ||
|कृतियाँ=आहत हैं वन, चेहरों के अन्तरीप,पंख बिखरे रेत पर, सुनो तथागत, हमने संधियाँ कीं (सभी नवगीत-संग्रह), लौटा दो पगडंडियाँ (कविता-संग्रह), दी सैप इज स्टिल ग्रीन (अंग्रेज़ी में प्रकाशित कविता-संग्रह), एक और कौन्तेय, गाथा आहत संकल्पों की, अंगुलिमाल, कटे अंगूठे का पर्व,कहियत भिन्न न भिन्न (सभी काव्य-नाटक) | |कृतियाँ=आहत हैं वन, चेहरों के अन्तरीप,पंख बिखरे रेत पर, सुनो तथागत, हमने संधियाँ कीं (सभी नवगीत-संग्रह), लौटा दो पगडंडियाँ (कविता-संग्रह), दी सैप इज स्टिल ग्रीन (अंग्रेज़ी में प्रकाशित कविता-संग्रह), एक और कौन्तेय, गाथा आहत संकल्पों की, अंगुलिमाल, कटे अंगूठे का पर्व,कहियत भिन्न न भिन्न (सभी काव्य-नाटक) | ||
|विविध=हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान तथा हरियाणा साहित्य अकादमी के सम्मानों सहित दर्जनों सम्मान और पुरस्कार। | |विविध=हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान तथा हरियाणा साहित्य अकादमी के सम्मानों सहित दर्जनों सम्मान और पुरस्कार। | ||
पंक्ति 27: | पंक्ति 28: | ||
* '''[[पंख बिखरे रेत पर / कुमार रवींद्र]]''' (नवगीत संग्रह) | * '''[[पंख बिखरे रेत पर / कुमार रवींद्र]]''' (नवगीत संग्रह) | ||
* '''[[आदिम राग सुहाग का / कुमार रवींद्र]]''' (गीत संग्रह) | * '''[[आदिम राग सुहाग का / कुमार रवींद्र]]''' (गीत संग्रह) | ||
+ | * '''[[हम खड़े एकांत में / कुमार रवींद्र]]''' (गीत संग्रह) | ||
+ | |||
====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ==== | ====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ==== | ||
* [[कुछ सुख बचे हैं / कुमार रवींद्र]] | * [[कुछ सुख बचे हैं / कुमार रवींद्र]] |
18:59, 2 जनवरी 2019 के समय का अवतरण
कुमार रवींद्र
जन्म | 10 जून 1940 |
---|---|
निधन | 01 जनवरी 2019 |
जन्म स्थान | लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
आहत हैं वन, चेहरों के अन्तरीप,पंख बिखरे रेत पर, सुनो तथागत, हमने संधियाँ कीं (सभी नवगीत-संग्रह), लौटा दो पगडंडियाँ (कविता-संग्रह), दी सैप इज स्टिल ग्रीन (अंग्रेज़ी में प्रकाशित कविता-संग्रह), एक और कौन्तेय, गाथा आहत संकल्पों की, अंगुलिमाल, कटे अंगूठे का पर्व,कहियत भिन्न न भिन्न (सभी काव्य-नाटक) | |
विविध | |
हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान तथा हरियाणा साहित्य अकादमी के सम्मानों सहित दर्जनों सम्मान और पुरस्कार। | |
जीवन परिचय | |
कुमार रवींद्र / परिचय |
कविता संग्रह
- लौटा दो पगडंडियाँ / कुमार रवीन्द्र (कविता-संग्रह)
- कहियत भिन्न न भिन्न / कुमार रवींद्र (काव्य नाटिका)
- कटे अँगूठे का पर्व / कुमार रवींद्र (काव्य नाटिका)
- राग हंसध्वनि / कुमार रवींद्र (काव्य नाटिका)
- अंतिम महारास / कुमार रवींद्र (काव्य नाटिका)
- आहत हैं वन / कुमार रवींद्र (नवगीत-संग्रह)
- और...हमने सन्धियाँ कीं / कुमार रवींद्र (नवगीत-संग्रह)
- रखो खुला यह द्वार / कुमार रवींद्र (नवगीत संग्रह)
- चेहरों के अन्तरीप / कुमार रवींद्र (नवगीत संग्रह)
- अप्प दीपो भव / कुमार रवींद्र (नवगीत संग्रह)
- सुनो तथागत / कुमार रवींद्र (नवगीत संग्रह)
- पंख बिखरे रेत पर / कुमार रवींद्र (नवगीत संग्रह)
- आदिम राग सुहाग का / कुमार रवींद्र (गीत संग्रह)
- हम खड़े एकांत में / कुमार रवींद्र (गीत संग्रह)
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- कुछ सुख बचे हैं / कुमार रवींद्र
- बक्सों में यादें / कुमार रवींद्र
- और नपुंसक हुई हवाएं / कुमार रवींद्र
- घोड़े ही घोड़े हैं / कुमार रवींद्र
- बच्चों की नाव में / कुमार रवींद्र
- नये वक्त की महाकथा यह / कुमार रवींद्र
- ऋतु जलसे की / कुमार रवींद्र
- आगे चल कर / कुमार रवींद्र
- चमत्कारी सुबह यह / कुमार रवींद्र
- बैठी छज्जे पर चिडया / कुमार रवींद्र
- पीपल का पात हिला / कुमार रवींद्र
- और...दिन भर / कुमार रवींद्र
- इस गली के आख़िर में / कुमार रवींद्र
- खोज-खोज हारे हम / कुमार रवींद्र
- अपराधी देव हुए / कुमार रवींद्र
- गीत तुम्हारा / कुमार रवींद्र
- ज़रा सुनो तो / कुमार रवींद्र
- बहुत पहले / कुमार रवींद्र
- मेघ सेज पर / कुमार रवींद्र
- बरगद ठूँठ हुआ / कुमार रवींद्र
- टेसू के फूलों वाले दिन / कुमार रवींद्र
- वानप्रस्थी ये हवाएँ / कुमार रवींद्र
- शपथ तुम्हारी / कुमार रवींद्र
- संतूर बजा / कुमार रवींद्र
- सुनो सागर / कुमार रवींद्र
- हम नए हैं / कुमार रवींद्र
- हाँ सुकन्या / कुमार रवींद्र
- दिन वसंत के / कुमार रवींद्र
- कहो गीतों से / कुमार रवींद्र
- मन का दीपक / कुमार रवींद्र
- धूप-बीज बोये थे / कुमार रवींद्र
- गीत-मन्त्र / कुमार रवींद्र
- सिकुड़ गए दिन / कुमार रवींद्र
- कोहरा है मैदान में / कुमार रवींद्र
- सब कुछ डूबा है कोहरे में / कुमार रवींद्र
- दिन ठंडा है / कुमार रवींद्र
- शांत जंगल है / कुमार रवींद्र
- रात-भर हम / कुमार रवींद्र
- दस्तकें हैं दे रहीं भीगी हवाएँ / कुमार रवींद्र