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"सुधारऽ सइयाँ / उमेश बहादुरपुरी" के अवतरणों में अंतर

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सुधारऽ सइयाँ अपन तूँ चलनियाँ।
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सुधारऽ सइयाँ अपन तूँ चलनियाँ
उतर जइतो न´् तो तोहर पनियाँ।।
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उतर जइतो नञ् तो तोहर पनियाँ
रोजे रोज जा हा बरबिघा बजरिया।
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रोजे रोज जा हा बरबिघा बजरिया
केकरा पर लुटाबऽ हऽ अपन नजरिया।
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केकरा पर लुटाबऽ हऽ अपन नजरिया
न´् काम देतो तोरा ऊ नचनियाँ।। उतर ....
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नञ् काम देतो तोरा ऊ नचनियाँ
सँझिया के आबऽ हऽ सइयाँ तूँ झूमते।
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उतर ....
ताकऽ हऽ एक्को बेरी न´् हमरा घूम के।
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सँझिया के आबऽ हऽ सइयाँ तूँ झूमते
रात रात भर रोबे ई बिरहिनियाँ।। उतर ....
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ताकऽ हऽ एक्को बेरी नञ् हमरा घूम के
बेच देला टीका बेच देला बाली।
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रात रात भर रोबे ई बिरहिनियाँ
कर देला हमरा दुनहुँ हाँथ खाली।
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उतर ....
सइयाँ आउ बेच देला तूँ नथनियाँ।। उतर ....
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बेच देला टीका बेच देला बाली
हमरो कहनमा मान ले सजनमाँ।
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कर देला हमरा दुनहुँ हाँथ खाली
तोहरे में बसल हे हमरो परनमाँ।
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सइयाँ आउ बेच देला तूँ नथनियाँ
काम देतो तोरा सबदिन ई रनियाँ।। उतर .....
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उतर ....
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हमरो कहनमा मान ले सजनमाँ
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तोहरे में बसल हे हमरो परनमाँ
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काम देतो तोरा सबदिन ई रनियाँ
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उतर .....
  
 
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12:48, 14 मार्च 2019 के समय का अवतरण

सुधारऽ सइयाँ अपन तूँ चलनियाँ
उतर जइतो नञ् तो तोहर पनियाँ
रोजे रोज जा हा बरबिघा बजरिया
केकरा पर लुटाबऽ हऽ अपन नजरिया
नञ् काम देतो तोरा ऊ नचनियाँ
उतर ....
सँझिया के आबऽ हऽ सइयाँ तूँ झूमते
ताकऽ हऽ एक्को बेरी नञ् हमरा घूम के
रात रात भर रोबे ई बिरहिनियाँ
उतर ....
बेच देला टीका बेच देला बाली
कर देला हमरा दुनहुँ हाँथ खाली
सइयाँ आउ बेच देला तूँ नथनियाँ
उतर ....
हमरो कहनमा मान ले सजनमाँ
तोहरे में बसल हे हमरो परनमाँ
काम देतो तोरा सबदिन ई रनियाँ
उतर .....