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बिछे अंगार
चला हूँ नंगे पाँवापाँव
कोई न ठौर ।
-0-108मरण पीड़ाप्रतिपल सहतेहोंठ कसैले।109दुख सहेंगेउफ नहीं कहेंगेचिन्ता तुम्हारी।110जितना जियाकालकूट पीकरअमर हुए।
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