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/* प्रतिनिधि ग़ज़लें */
* [[रंजो-अलम को जज़्ब दिलों में किये हुए / दरवेश भारती]]
* [[दौरे-ख़िज़ाँ हो या कभी दौरे-बहार हो / दरवेश भारती]]
* [[ईमान की ज़मी पर पे खड़े हो सको अगर / दरवेश भारती]]
* [[पल-पल नव छवि दिखलाते हैं, ये दीवारों के साये / दरवेश भारती]]