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"धोखा / बाल गंगाधर 'बागी'" के अवतरणों में अंतर

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15:45, 23 अप्रैल 2019 के समय का अवतरण

चिरागे मोहब्बत को रोशन बताकर
वो लूटा मेरे घर के दौलत को आकर
गफ्लत में दलितों को गुमराह करके
मिटाया मेरा घर वो मोहलत को पाकर
दलित सल्तनत की वो रौनक नहीं है
बुझे फिर से दिल के दीये को जलाकर
ओझल हुई मेरे घर की ही खुशियां
बुलंद तमन्ना की शोहरत को ढाकर