भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बात दिल की सुन लूं ज़रा / ऋषिपाल धीमान ऋषि" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ऋषिपाल धीमान ऋषि |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

19:21, 21 मई 2019 के समय का अवतरण

बात दिल की सुन लूं ज़रा
क्यों ख़फ़ा हूँ बता लूं ज़रा।

बर्क़ का क़हर देखूंगा में
आशियाँ तो बना लूं ज़रा।

ज़हर नफ़रत का बढ़ने लगा
प्यार का गीत गा लूं ज़रा।

तुझसे भी मैं मिलूंगा खुशी
आंख ग़म से मिला लूं ज़रा।

कोई साया है दर पर मेरे
आंसुओं को सुखा लूं ज़रा।

उनको छू आई है तू हवा
आ गले से लगा लूं ज़रा।

ऐ अहम फिर सुनूँगा तेरी
रूठे हैं वो मना लूं ज़रा।