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"अपना नहीं है फिर भी तू लगता तो है कोई / कुमार नयन" के अवतरणों में अंतर
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11:05, 3 जून 2019 के समय का अवतरण
अपना नहीं है फिर भी तू लगता तो है कोई
दुश्मन का ही सही मगर रिश्ता तो है कोई।
आंखों में जितनी आग तिरी है वो कम नहीं
इस शहरे-बेचिराग़ में जलता तो है कोई।
आती है एक याद मिरे पास रात को
दिल पर किसी का आज भी पहरा तो है कोई।
सच है लहूलुहान तो होंगे हमारे पैर
तुझ तक मगर पहुंचने का रस्ता तो है कोई।
बस इतना है कि इसको नहीं खोलते हैं हम
दोनों तरफ किवाड़-सा खुलता तो है कोई।
कोई नहीं है साथ मिरे साये के सिवा
मैं चल रहा हूँ फिर भी कि चलता तो है कोई।
शायद कभी न कहता मगर माँ क़सम सुनो
जीता है तुमको देख के मरता तो है कोई।