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"सिर्फ लोगों से भरा होने से घर होता नहीं / कुमार नयन" के अवतरणों में अंतर

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11:10, 3 जून 2019 के समय का अवतरण

सिर्फ लोगों से भरा होने से घर होता नहीं
चाहने वाला कोई उसमें अगर होता नहीं।

हमसफ़र हो साथ तो मंज़िल भी आ जाती है पास
तन्हा तन्हा ज़िन्दगी का तय सफ़र होता नहीं।

एक दुनिया और इस दुनिया के अंदर है छुपी
ये पता उसको नहीं जो दर-बदर होता नहीं।

चाहता हूँ हद में ही रहना मगर मैं क्या करूँ
माँ क़सम बंदिश का मुझ पर कुछ असर होता नहीं।

सिर्फ तारीखें बदलने से नहीं आता है दिन
जब तलक सूरज की किरणों का बसर होता नहीं।

कुछ नहीं था पास तो हंसकर गुज़ारे रात-दिन
मिल गया सबकुछ तो रो-रो कर गुज़र होता नहीं।

जुर्म की सारी हदों को पार कर जाता अगर
आदमी को आदमी होने का डर होता नहीं।