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{{KKRachnaKKPustak|चित्र=|नाम= |रचनाकार=[[कविता भट्ट]]|अनुवादकप्रकाशक=|संग्रहवर्ष=|भाषा=हिन्दी|विषय=|शैली= आज ये मन / कविता भट्ट|पृष्ठ=|ISBN=|विविध=
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{{KKCatKavita}}====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====<poem>*[[ आज ये मन/ कविता भट्ट]]एक माँ की विपदा कहे कैसे पत्थर करुण*[[ यदि जान भी लोगे, तो क्या कर लोगे? / कविता भट्ट ]]जिसने अपने खो दिये दो लाल तरुण*[[ मेरी मंथर आशाएँ / कविता भट्ट ]]*[[ प्रथम प्रेमालाप / कविता भट्ट ]]एक लाल सीमा पर शहीद *[[ तुम क्या खोज रहे हो गयाप्रियतम? / कविता भट्ट ]]तो दूजा आतंक *[[निर्मम कामनाएँ छलिया प्रेमी की बलि चढ़ गया/ कविता भट्ट]] बेटी को हर लिया दहेज दानव नेअत्याचारी क्रूरता *[[दो पल अवकाश के आततायी तांडव ने/ कविता भट्ट]]*[[तुम्हारी स्मृति / कविता भट्ट]]घर छीन लिया भ्रष्टाचारी नौकरशाहों ने *[[ बिछड़ा साथी / कविता भट्ट ]]मेरे खेतों को हड़पा क्रूर अभिकर्ताओं ने*[[ यह कैसा अस्तित्व? / कविता भट्ट ]]*[[ सुख-साज / कविता भट्ट ]]विलाप करते सहस्रों थे स्वप्नों के पाश*[[ खोया अस्तित्व / कविता भट्ट ]]पर न रहा पाषाण*[[कँटीला-प्रभु तुम पर विश्वासकटु सत्य / कविता भट्ट]]*[[अन्तिम अनुभव / कविता भट्ट]]अब तो काम *[[परिवर्तन / कविता भट्ट]]*[[कली चम्पा की भी उम्र ना रही / कविता भट्ट]]भिक्षा मांगने में भी लाज आ रही तो फिर कह दो मैं *[[तुम क्या कर लूँहो / कविता भट्ट]]कहो तो अपने प्राण स्वयं ही हर लूँ अब तो विष भी है महँगा परऔर है मेरी पहुँच से बाहर मन *[[ मेरे टूटे मकान में है बड़ा ही आक्रोश/ कविता भट्ट]]नहीं होता सब्र ना ही सन्तोष तो फिर कह दे कैसे प्राणों का त्याग करूँओ पत्थर कुछ तो कह दे, कब देखूँगी मैं तुझ सोए हुए ‘पत्थर *[[ मैतियों के आँसू’आर्से-रूटाने / कविता भट्ट]]*[[ भूरी पुतली-से बादल / कविता भट्ट]]*[[ छोटा जीवन / कविता भट्ट ]]<*[[ उस पार /poem>कविता भट्ट]]