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"आज ये मन / कविता भट्ट" के अवतरणों में अंतर

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====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====
<poem>
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*[[ आज ये मन/ कविता भट्ट]]
एक माँ की विपदा कहे कैसे पत्थर करुण
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*[[ यदि जान भी लोगे, तो क्या कर लोगे?  /  कविता भट्ट ]]
जिसने अपने खो दिये दो लाल तरुण
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*[[ मेरी मंथर आशाएँ / कविता भट्ट ]]
 
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*[[ प्रथम प्रेमालाप / कविता भट्ट ]]
एक लाल सीमा पर शहीद हो गया
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*[[ तुम क्या खोज रहे हो प्रियतम? / कविता भट्ट ]]
तो दूजा आतंक की बलि चढ़ गया
+
*[[निर्मम कामनाएँ छलिया प्रेमी की / कविता भट्ट]]
 
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*[[दो पल अवकाश के / कविता भट्ट]]
बेटी को हर लिया दहेज दानव ने
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*[[तुम्हारी स्मृति / कविता भट्ट]]
अत्याचारी क्रूरता के आततायी तांडव ने
+
*[[ बिछड़ा साथी / कविता भट्ट ]]
 
+
*[[ यह कैसा अस्तित्व? / कविता भट्ट ]]
घर छीन लिया भ्रष्टाचारी नौकरशाहों ने
+
*[[ सुख-साज  / कविता भट्ट ]]
मेरे खेतों को हड़पा क्रूर अभिकर्ताओं ने
+
*[[ खोया अस्तित्व  / कविता भट्ट ]]
 
+
*[[कँटीला-कटु सत्य / कविता भट्ट]]
विलाप करते सहस्रों थे स्वप्नों के पाश
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*[[अन्तिम अनुभव / कविता भट्ट]]
पर न रहा पाषाण-प्रभु तुम पर विश्वास
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*[[परिवर्तन / कविता भट्ट]]
 
+
*[[कली चम्पा की / कविता भट्ट]]
अब तो काम की भी उम्र ना रही
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*[[तुम क्या हो / कविता भट्ट]]
भिक्षा मांगने में भी लाज आ रही 
+
*[[ मेरे टूटे मकान में / कविता भट्ट]]
 
+
*[[ मैतियों के आर्से-रूटाने / कविता भट्ट]]
तो फिर कह दो मैं क्या कर लूँ
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*[[ भूरी पुतली-से बादल / कविता भट्ट]]
कहो तो अपने प्राण स्वयं ही हर लूँ
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*[[ छोटा जीवन / कविता भट्ट ]]
 
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*[[ उस पार / कविता भट्ट]]
अब तो विष भी है महँगा पर
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और है मेरी पहुँच से बाहर
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मन में है बड़ा ही आक्रोश
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नहीं होता सब्र ना ही सन्तोष
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तो फिर कह दे कैसे प्राणों का त्याग करूँ
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ओ पत्थर कुछ तो कह दे, कब देखूँगी मैं
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तुझ सोए हुए ‘पत्थर के आँसू’
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</poem>
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04:47, 28 जून 2019 के समय का अवतरण

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रचनाकार कविता भट्ट
प्रकाशक
वर्ष
भाषा हिन्दी
विषय
विधा कविता
पृष्ठ
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

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