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|चित्र=Charles simic.jpg|नाम=दूषन ’चार्ल्स’ चार्ल्स सिमिह
|उपनाम=Dušan ’Charles’ Simić
|जन्म=09 मई 1938
|कृतियाँ=घास ने क्या कहा (1967), काले विचारों का विद्यालय (1978), नौ कविताएँ (1989), नरक में विवाह (1994), रात में पिकनिक (2001), वो थोड़ा-बहुत कुछ (2008), अन्धेरे में झाँकते हुए (2017) आदि कुल 40 कविता-सँग्रह।
|विविध=पुलित्ज़र पुरस्कार (1990), विल्सेक साहित्य पुरस्कार (2011), ज़्बिगनेव हरबर्ट अन्तरराष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार (2014), स्ट्रॉग काव्य सन्ध्या स्वर्ण मैडल (2017)
|जीवनी=[[दूषन ’चार्ल्स’ चार्ल्स सिमिह / परिचय]]|अंग्रेज़ीनाम=Dusan Charles Simic
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====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====
* [[बेलग्राद की इसी सड़क पर / चार्ल्स सिमिह / मनोज पटेल]]
* [[बन्द गोभी / चार्ल्स सिमिह / मनोज पटेल]]
* [[कबाड़ख़ाने में / चार्ल्स सिमिह / मनोज पटेल]]
* [[बड़ी जंग / दूषन ’चार्ल्स’ चार्ल्स सिमिह / मनोज पटेल]]* [[स्मृति की छोटी पिनें / दूषन ’चार्ल्स’ चार्ल्स सिमिह / मनोज पटेल]]* [[कुछ अज्ञेय / दूषन ’चार्ल्स’ चार्ल्स सिमिह / मनोज पटेल]]* [[तरबूज / दूषन ’चार्ल्स’ चार्ल्स सिमिह / मनोज पटेल]]* [[दिसम्बर / दूषन ’चार्ल्स’ चार्ल्स सिमिह / मनोज पटेल]]* [[सबसे महत्वपूर्ण पल / दूषन ’चार्ल्स’ चार्ल्स सिमिह / मनोज पटेल]]