{{KKParichay
|चित्र=Rajeram-bhardwaj-kavitakosh.jpg
|नाम=पंडित पं. राजेराम भारद्वाज संगीताचार्य
|उपनाम=
|जन्म=01 जनवरी, 1950
|मृत्यु=
|कृतियाँ=
|विविध=आकाशवाणी केंद्र रोहतक-हरियाणा में इनका एक सांग '''श्री गंगेमाई''' की उस समय सबसे लम्बी समय -अवधि '3.5 घंटे' तक की रिकॉर्डिंग की गयी, जोकि हरियाणा के किसी भी आकाशवाणी केंद्र व् व किसी भी कवी कवि की इकलौती सर्वप्रथम सबसे लम्बी रिकॉर्डिंग दर्ज की गयी है| और ये '''म्हारी संस्कृति म्हारा स्वाभिमान संस्था' '' संस्था द्वारा भी "'''हरियाणा संस्कृति रत्न" ''' से सम्मानितकिये गये| |जीवनी=[[पं. राजेराम भारद्वाज संगीताचार्य / संक्षिप्त परिचय]]|अंग्रेज़ीनाम=Pt. Rajeram BhardwajSangeetacharya
|shorturl=
|gadyakosh=
{{KKCatHaryanaviRachnakaar}}
====कुछ प्रतिनिधि सांग====
'''सांग: सरवर-नीर'''
* [[चालै तो मेरी साथ म्य, तनै दुनिया की सैर कराऊं / राजेराम भारद्वाज]]
'''सांग: बाबा छोटूनाथ'''
* [[चार धाम गंगा-जमना से, 68 तीर्थ के! न्यारे / राजेराम भारद्वाज]]
* [[या दुनिया दुखी फिरै, चक्र मै सारी / राजेराम भारद्वाज]]
* [[किया बखान महात्मा बुद्ध नै, ऐसा कलयुग आवैगा / राजेराम भारद्वाज]]
'''सांग: देवी गंगामाई'''
* [[कन्या बोली ऋषि मेरे तै, करवाले नै ब्याह / राजेराम भारद्वाज]]