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"ख़त लिखना / दिनकर कुमार" के अवतरणों में अंतर

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कभी रोजी-रोटी के गणित से  
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कभी रोज़ी-रोटी के गणित से  
 
फ़ुरसत मिले  
 
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तो मौसम और फूलों के बारे में  
 
तो मौसम और फूलों के बारे में  

03:10, 3 अगस्त 2019 के समय का अवतरण

कभी रोज़ी-रोटी के गणित से
फ़ुरसत मिले
तो मौसम और फूलों के बारे में
लिखना

कभी महँगाई और राशन से ध्यान बँटे
तो तितलियों और पर्वतों
के बारे में लिखना

कभी बीमारी और अस्पतालों से
वक़्त मिले तो अपने शहर की रँगीनी
और नदी के यौवन के बारे में लिखना
 
मेरे दोस्त
हादसों से गुज़रते हुए
मुझे ख़त लिखना