|रचनाकार=ठाकुरप्रसाद सिंह
}}
{{KKPustak
|चित्र=--
|नाम=वंशी और मादल
|रचनाकार=[[ठाकुरप्रसाद सिंह]]
|वर्ष= द्वितीय संस्करण : 1979
|भाषा=हिन्दी
|विषय=-- कविताएँ|शैली=--नवगीत
|पृष्ठ= 68
|ISBN=--|विविध=--
}}
* [[कहने की बात / ठाकुरप्रसाद सिंह]](भूमिका)
* [[पाँच जोड़ बाँसुरी / ठाकुरप्रसाद सिंह]]
* [[नदिया का घना-घना कूल है / ठाकुरप्रसाद सिंह]]
* [[चलो, चलें चम्पागढ़ / ठाकुरप्रसाद सिंह]]
* [[पर्वत की घाटी का जल चंचल / ठाकुरप्रसाद सिंह]]
* [[दूर कहीं अंकुशी अकुशी है चिल्हकती / ठाकुरप्रसाद सिंह]]
* [[पर्वत पर आग जला... / ठाकुरप्रसाद सिंह]]
* [[कटती फसलों के साथ... / ठाकुरप्रसाद सिंह]]
* [[तिरि रिरि... / ठाकुरप्रसाद सिंह]]
* [[तुमने क्या नहीं देखा / ठाकुरप्रसाद सिंह]]
* [[आंधी आछी के वन / ठाकुरप्रसाद सिंह]]
* [[पर्वत के ऊपर है वंशी / ठाकुरप्रसाद सिंह]]
* [[चिड़ियों ने पर्वत पर घोंसला बनाया / ठाकुरप्रसाद सिंह]]
* [[नन्दन वन की कोयल / ठाकुरप्रसाद सिंह]]
* [[देह यह बन जाए केवल पाँव / ठाकुरप्रसाद सिंह]]
* [[आछी के वन-2 / ठाकुरप्रसाद सिंह]]