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"एक कप चाय / राजकिशोर सिंह" के अवतरणों में अंतर

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एक कप चाय
 
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दूध् चीनी का केवल घोल नहीं
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गरीबों के लिए उपहार
 
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ध्नहीनों की चाय
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अमीरों का सत्कार
 
अमीरों का सत्कार
इस अपफरा-तपफरी संसार में
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जहाँ मितव्ययता का बोल-बाला है
 
जहाँ मितव्ययता का बोल-बाला है
 
वहाँ अतिथियों के स्वागत में
 
वहाँ अतिथियों के स्वागत में
 
सबसे आगे चाय का प्याला है
 
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थके मांदो का पंथ यह
 
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बूढ़ों की स्पफूर्ति है
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सभ्यता का प्रतीक यह
 
सभ्यता का प्रतीक यह
 
भावों की सच्ची प्रतिमूर्ति है
 
भावों की सच्ची प्रतिमूर्ति है
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जहाँ प्रेम का होता रूप
 
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बन जाती वही जहर
 
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अगर उपेक्षा की हो ध्ूप
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चाय अगर मिली नहीं
 
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गर किसी के दरबार में
 
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उड़ने लगती ऽिल्ली उसकी
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01:02, 21 दिसम्बर 2019 के समय का अवतरण

एक कप चाय
दूध चीनी का केवल घोल नहीं
प्रेम का उपहार है
अतिथियों का स्वागत
आगंतुकों का सत्कार है

एक कप चाय
कुछ नहीं
केवल वार्ता का बहाना है
बराबरी का सूचक यह
प्रेम का ठिकाना है

धनवानों की चाय
गरीबों के लिए उपहार
धनहीनों की चाय
अमीरों का सत्कार
इस अफरा-तफरी संसार में
जहाँ मितव्ययता का बोल-बाला है
वहाँ अतिथियों के स्वागत में
सबसे आगे चाय का प्याला है

थके मांदो का पंथ यह
बूढ़ों की स्फूर्ति है
सभ्यता का प्रतीक यह
भावों की सच्ची प्रतिमूर्ति है

चाय एक बहाना है
मित्रों को घर बुलाने का
घूँट-घूँट में प्यार भरा है
और प्यार लुटाने का

चाय एक मानक है
मानव जीवन स्तर का
कौन बड़ा है, कौन छोटा
और नीचे-ऊपर का

बन जाती अमृत यह
जहाँ प्रेम का होता रूप
बन जाती वही जहर
अगर उपेक्षा की हो धूप

चाय अगर मिली नहीं
गर किसी के दरबार में
उड़ने लगती खिल्ली उसकी
इस भौतिक संसार में।