भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"दुकस्ठी / ओम बधानी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम बधानी }} {{KKCatGadhwaliRachna}} <poem> छि भै तेरी क...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:18, 6 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण

छि भै तेरी कनी य दुकस्ठी करीं छ
माया त तातू दूध हुयीं छ

भुलि जाणु औख्खु नि बिसरूं त मुसकिल
जिकुड़ी कु मेरी उदकट्ट हुयीं छ

माछि कु पाणी तु मेरू पराण
त्वै बिन बोळा सि सुन्नपट्ट हुयीं छ

तु बैठि छै सोचणी कुजाण क्य गुमसुम
मैं लाटा तैं मिलण कि झटपट हुयीं छ

आंदन उड़ि जांदन बादळ ठगैक
मै पापी कि तीसन् फटफट हुयीं छ