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Kavita Kosh से
डुबकी कभी लगाता है ।
'''मेरे घोड़े दौड़ लगा'''
मेरे घोड़े दौड़ लगा
घर जल्दी मुझको पहुँचा
घूमो मेरठ ,अम्बाला
दिल्ली , मथुरा , पटियाला
तुझे खींचनी है गाड़ी
पार करो टीले झाड़ी ।