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*[[किताबें / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']]
*[[जब सूरज जग जाता है / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]]
*[[बाल कविताएँ / भाग 20 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' ]]
::( गुड़िया रानी ,ओ मेरी मैया !, खेली ऐसी होली, हरियाली ने बौर सजाया)