भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"वह चेतावनी है / विनोद कुमार शुक्ल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: यह चेतावनी है<br /> कि एक छोटा बच्‍चा है.<br /> यह चेतावनी है<br /> कि चार फूल …)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
यह चेतावनी है<br />
+
{{KKGlobal}}
कि एक छोटा बच्‍चा है.<br />
+
{{KKRachna
यह चेतावनी है<br />
+
|रचनाकार=विनोद कुमार शुक्ल
कि चार फूल खिले हैं.<br />
+
|अनुवादक=
यह चेतावनी है<br />
+
|संग्रह=
कि खुशी है<br />
+
}}
और घड़े में भरा हुआ पानी<br />
+
{{KKCatKavita}}
पीने के लायक है,<br />
+
<poem>
हवा में सॉंस ली जा सकती है.<br />
+
यह चेतावनी है
यह चेतावनी है<br />
+
कि एक छोटा बच्‍चा है.
कि दुनिया है<br />
+
यह चेतावनी है
बची दुनिया में<br />
+
कि चार फूल खिले हैं.
मैं बचा हुआ<br />
+
यह चेतावनी है
यह चेतावनी है<br />
+
कि खुशी है
मैं बचा हुआ हूं.<br />
+
और घड़े में भरा हुआ पानी
किसी होने वाले युद्ध से<br />
+
पीने के लायक है,
जीवित बच निकलकर<br />
+
हवा में सॉंस ली जा सकती है.
मैं अपनी <br />
+
यह चेतावनी है
अहमियत से मरना चाहता हूं<br />
+
कि दुनिया है
कि मरने के<br />
+
बची दुनिया में
आखिरी क्षणों तक<br />
+
मैं बचा हुआ
अनंतकाल जीने की कामना करूं<br />
+
यह चेतावनी है
कि चार फूल है<br />
+
मैं बचा हुआ हूं.
और दुनिया है.<br />
+
किसी होने वाले युद्ध से
<br />
+
जीवित बच निकलकर
 +
मैं अपनी
 +
अहमियत से मरना चाहता हूं
 +
कि मरने के
 +
आखिरी क्षणों तक
 +
अनंतकाल जीने की कामना करूं
 +
कि चार फूल है
 +
और दुनिया है.</poem>

16:12, 10 मई 2020 के समय का अवतरण

यह चेतावनी है
कि एक छोटा बच्‍चा है.
यह चेतावनी है
कि चार फूल खिले हैं.
यह चेतावनी है
कि खुशी है
और घड़े में भरा हुआ पानी
पीने के लायक है,
हवा में सॉंस ली जा सकती है.
यह चेतावनी है
कि दुनिया है
बची दुनिया में
मैं बचा हुआ
यह चेतावनी है
मैं बचा हुआ हूं.
किसी होने वाले युद्ध से
जीवित बच निकलकर
मैं अपनी
अहमियत से मरना चाहता हूं
कि मरने के
आखिरी क्षणों तक
अनंतकाल जीने की कामना करूं
कि चार फूल है
और दुनिया है.