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"धूप / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’" के अवतरणों में अंतर
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+ | जगह-जगह पर जले अलाव । | ||
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+ | सबने सर्दी दूर भगाई । | ||
+ | मूँगफली ने धूम मचाई | ||
+ | गर्म पकौड़ी मन को भाई | ||
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18:31, 11 मई 2020 के समय का अवतरण
ठिठुर गए पेड़ों के पात
छोटे-से दिन , लम्बी रात ।
सिहरा हुआ ताल का पानी
हवा भी करती मनमानी ।
धुला-धुला सर्दी का रूप
तन को लगे सुहानी धूप ।
किट-किट दाँत , काँपती छाँव
जगह-जगह पर जले अलाव ।
ओढ़ कम्बल और रज़ाई
सबने सर्दी दूर भगाई ।
मूँगफली ने धूम मचाई
गर्म पकौड़ी मन को भाई