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केवल आफ्नो उज्यालो ओढी बाँचेको देखेर। | केवल आफ्नो उज्यालो ओढी बाँचेको देखेर। | ||
जिस्काउँदो छ, बादलमा लुकेर घरिघरि | जिस्काउँदो छ, बादलमा लुकेर घरिघरि | ||
− | तल छामछाम छुमछुम गर्दै हिँडिरहेका | + | तल छामछाम छुमछुम गर्दै हिँडिरहेका आकृतिहरूलाई। |
आकाश आफ्नो पछ्यौरीभरि तारा टल्काएर खिज्याउँदो छ | आकाश आफ्नो पछ्यौरीभरि तारा टल्काएर खिज्याउँदो छ | ||
− | मास्तिर हेर्ने जो | + | मास्तिर हेर्ने जो कोहीलाई। |
यस युगको धर्तीप्रतिको यो उपेक्षा देखेर रिसाउनुपर्थ्यो मैले सायद। | यस युगको धर्तीप्रतिको यो उपेक्षा देखेर रिसाउनुपर्थ्यो मैले सायद। |
21:41, 22 मई 2020 के समय का अवतरण
समय
अँध्यारो बोकेर
धर्तीभरि पोखिएको छ।
जून गौरवान्वित छ
एक्काइसौँ शताब्दीको पृथ्वी टेकेर उभिएको एक सहरको रात
केवल आफ्नो उज्यालो ओढी बाँचेको देखेर।
जिस्काउँदो छ, बादलमा लुकेर घरिघरि
तल छामछाम छुमछुम गर्दै हिँडिरहेका आकृतिहरूलाई।
आकाश आफ्नो पछ्यौरीभरि तारा टल्काएर खिज्याउँदो छ
मास्तिर हेर्ने जो कोहीलाई।
यस युगको धर्तीप्रतिको यो उपेक्षा देखेर रिसाउनुपर्थ्यो मैले सायद।
तर म आनन्द लिइरहेछु, यो लोडसेडिङको।
यो अँध्यारो
मेरो देशको
भूत, वर्तमान र भविष्यभन्दा
ज्यादा स्पस्ट लागिरहेछ।