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भूलने का युग / मंगलेश डबराल
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09:59, 18 जून 2020
नौजवान भूलते हैं अपने माताओं-पिताओं को
चले जाते हैं बड़ी-बड़ी गाड़ियों में बैठकर
याद रखते हैं
सिर्फ
सिर्फ़
वह पता वह नाम
जहाँ ज़्यादा तनख़्वाहें हैं
ज़्यादा कारें ज़्यादा जूते और ज़्यादा कपड़े हैं
Abhishek Amber
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