भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"शांतिदूत / सुरेश कुमार मिश्रा 'उरतृप्त'" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरेश कुमार मिश्रा 'उरतृप्त' |अनु...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:35, 3 अगस्त 2020 के समय का अवतरण
सत्य की मूरत गांधीजी
प्रेम की मूरत गांधीजी।
अहिंसा कि मूरत गांधीजी
न्याय की मूरत गांधीजी।
जग में प्यारे गांधीजी
घर-घर अपने गांधीजी।
शांतिदूत श्रेष्ठ गांधीजी
सबके दिल में गांधीजी।
कल भी थे गांधी जी
आज भी हैं गांधीजी।
कल भी रहेंगे गांधीजी
जग की आस हैं गांधीजी।