jitendra srivastava ka parichaya janam tithi:8.4.1974 janam sthan:silahata{{KKRachnakaarParichay|रचनाकार=जितेन्द्र श्रीवास्तव}} <poem>हिंदी के प्रतिष्ठित कवि-आलोचक जितेन्द्र श्रीवास्तव की प्रमुख कृतियाँ हैं-इन दिनों हालचाल,deoriaअनभै कथा, u p pustaken-IN DINO HALCHALअसुंदर सुंदर,ANBHAI KATHAबिल्कुल तुम्हारी तरह,ASUNDAR SUNDARकायांतरण, कवि ने कहा, उजास, बेटियाँ तथा सूरज को अनूठा (KAVITA SANGRAHकविता संग्रह) BHARTIYA SAMAJ KEE SAMSYAYEN AUR PREMCHAND,BHARATIYA RASHTRAVAD AUR PREMCHANDभारतीय समाज,SHABDON MEN SAMAYA राष्ट्रवाद और प्रेमचंद, विचारधारा, नए विमर्श और समकालीन कविता, सर्जक का स्वप्न, रचना का जीवद्रव्य, आलोचना का मानुष मर्म, उपन्यास की परिधि, कहानी का क्षितिज (ALOCHANAआलोचना) PURASKAR-BHARAT BHOOSHAN AGGRWAL PURASKAR। उनकी कई कविताओं का अंग्रेज़ी एवं कई दूसरी भारतीय भाषाओं में अनुवाद हुआ है। कई कविताएँ कुछ विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल हैं। कई पुस्तकों का संपादन किया है। जितेन्द्र श्रीवास्तव को कविता तथा आलोचना के क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार,BHARTIYA BHASHA PARISHAD PURASKARदेवीशंकर अवस्थी सम्मान,KRITI SAMMANहिन्दी अकादमी दिल्ली का कृति सम्मान,RAMCHANDRA SHUKLA PURASKARउत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार एवं विजयदेव नारायण साही पुरस्कार,VIJAY DEV NARAYAN SAHI PURASKARभारतीय भाषा परिषद कोलकाता का युवा पुरस्कार,RAMVILAS SHARMA ALOCHANA SAMMAN. PATA-HINDI SANKAYरामविलास शर्मा आलोचना सम्मान,MANVIKI VIDYAPEETH, IGNOUपरम्परा ऋतुराज सम्मान जैसे कई महत्त्वपूर्ण पुरस्कार-सम्मान मिल चुके हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एम. ए.MAIDAN GARHI,NEW DELHI- 110068 E-MAIL-एम.फिल।और पी एच.डी पूरी करने वाले जितेन्द्र श्रीवास्तव वर्तमान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्रोफेसर और पर्यटन एवं आतिथ्य सेवा प्रबंधन विद्यापीठ के निदेशक हैं। पूर्व में वे इग्नू के कुलसचिव भी रह चुके हैं। jitendra82003@yahoogmail.com m-09818913798पर उनसे संपर्क किया जा सकता है। </poem>