[[Category:मीराबाई]][[Category:कविताएँ]][[Category:पद]]{{KKGlobal}}{{KKSandarbhKKRachna|लेखकरचनाकार=मीराबाई|पुस्तक=|प्रकाशक=|वर्ष=|पृष्ठ=
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{{KKCatPad}}<poem>बसो मोरे नैनन में नंदलाल।<br>मोहनी मूरति सांवरि सूरति, नैणा बने बिसाल।<br>अधर सुधारस मुरली राजत, उर बैजंती-माल।।<br>छुद्र घंटिका कटि तट सोभित, नूपुर सबद रसाल।<br>मीरा प्रभु संतन सुखदाई, भगत बछल गोपाल।।<br><br/poem>