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"बसो मोरे नैनन में / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

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बसो मोरे नैनन में नंदलाल।
अधर सुधारस मुरली राजत, उर बैजंती-माल।।<br>
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मोहनी मूरति सांवरि सूरति, नैणा बने बिसाल।
छुद्र घंटिका कटि तट सोभित, नूपुर सबद रसाल।<br>
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अधर सुधारस मुरली राजत, उर बैजंती-माल।।
मीरा प्रभु संतन सुखदाई, भगत बछल गोपाल।।<br><br>
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मीरा प्रभु संतन सुखदाई, भगत बछल गोपाल।।</poem>

21:07, 20 अगस्त 2020 के समय का अवतरण

बसो मोरे नैनन में नंदलाल।
मोहनी मूरति सांवरि सूरति, नैणा बने बिसाल।
अधर सुधारस मुरली राजत, उर बैजंती-माल।।
छुद्र घंटिका कटि तट सोभित, नूपुर सबद रसाल।
मीरा प्रभु संतन सुखदाई, भगत बछल गोपाल।।