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"चोरी बुरी बला है / प्रभुदयाल श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

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23:05, 21 अगस्त 2020 के समय का अवतरण

चुहिया चाची ने चुपके से,
कच्चा आम चुराया।
बिल में ले जाकर मस्ती में,
कुतर-कुतर कर खाया।

दांत हो गए खट्टे तो फिर,
वह कुछ न खा पाया।
रोते-रोते वैद्य छछूंदर,
के दरवाजे आया।

वैद्य-राज बोले चाची जी,
चोरी बुरी बला है।
चोरी करने वालों का न,
होता कभी भला है।