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|रचनाकार=रामधारी सिंह "दिनकर"
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पल भर तो मधुमय उत्सव में सकूँ वेदना भूल,
ऐसी हँसी हँसो, निशि-दिन हँसनेवाले ओ फूल!
 
१९३३
 
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