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/* हिन्दी में अनूदित कुछ कविताएँ */
* [[हर बात सैकड़ों बार कही जा चुकी है / बोहिस वियाँ / अनिल जनविजय]]
* [[मुझे पहाड़ के आकार का जीवन चाहिए / बोहिस वियाँ / अनिल जनविजय]]
* [[ क्यों जी रहा हूँ मैं / बोहिस वियाँ / अनिल जनविजय]]