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"हे राम ! / रामकुमार कृषक" के अवतरणों में अंतर

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20:37, 23 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

तुम्हारे नाम की हो रही है लूट
हे राम !
तुम्हारे नाम को जप रहा है झूठ
हे राम !
तुम्हारे नाम से भर रहे हैं पेट
हे राम !
तुम्हारे नाम पर ठग रहे हैं सेठ
हे राम !
तुम्हारे नाम पर सजे हुए हैं बाज़ार
हे राम !
तुम्हारे नाम पर जम गया है ब्योपार
हे राम !
तुम्हारे नाम पर डाकू भी सन्त
हे राम !
तुम्हारे नाम की महिमा है अनन्त
हे राम !