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अब तो साढ़े बारह की आख़िरी लोकल भी
आने वाली ही होगी ।”
'''एक घटना-प्रसंग —'''
इत्झाक पर्लमैन एक विश्व-प्रसिद्ध इज़रायली-अमेरिकी वायलिन वादक हैं। एक बार उन्होंने अपनी एक सिम्फ़नी बजानी ही शुरू की थी कि उनके वायलिन का एक तार टूट गया। बीच में रुककर नया वायलिन लेने की जगह उन्होंने आँखें बन्द करके, एकदम डूबकर तीन तार के वायलिन पर ही अपना वादन जारी रखा। तीन तारों से कोई सिम्फ़निक कम्पोज़ीशन प्रस्तुत करना बेहद कठिन है, लेकिन पर्लमैन ने उस रात अपनी सर्वश्रेष्ठ और अविस्मरणीय प्रस्तुति दी। भावाभिभूत लोग खड़े होकर तालियाँ बजाते रहे। शोर थमने के बाद पर्लमैन ने बस एक वाक्य कहा,“जो कुछ भी हमारे पास है, हमें उसीसे संगीत पैदा करना होता है।”
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