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/* ग़ज़लें */
* [[आपने शुभ लाभ लिक्खा था बही पर / रामकुमार कृषक]]
* [[कई बार वैसे तो हम भी छपे-उपे अख़बारों में / रामकुमार कृषक]]
* [[घेरकर आकाश उनको पर दिए होंगे / रामकुमार कृषक]]
* [[आइए गाँव की कुछ ख़बर ले चलें / रामकुमार कृषक]]
* [[चेहरे तो मायूस, मुखौटों पर मुस्कानें दुनिया की / रामकुमार कृषक]]