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|विविध=स्वीट्जरलैण्ड में एक व्यापारी परिवार में जन्म लेने और परिवार की भाषा फ़्रांसीसी होने की वजह से फ़्रांसीसी ही मातृभाषा बनी। शुरू में माता-पिता के साथ विभिन्न देशों की यात्रा की, बाद में विश्व-यात्री ही बन गए। प्रथम विश्व-युद्ध में युद्ध संवाददाता रहे। फिर पत्रकारिता की। बचअपन से ही कविताएँ लिखते थे, बाद में फ़्रांसीसी भाषा के एक बड़े उपन्यासकार बने। लम्बे समय तक डिजाइनर रहे और ऑपेरा या ओपेरेटा संगीत के अनुरूप शब्दों का चुनाव करने वाले संगीत-लेखक या लिबरेटिस्ट भी रहे। | |विविध=स्वीट्जरलैण्ड में एक व्यापारी परिवार में जन्म लेने और परिवार की भाषा फ़्रांसीसी होने की वजह से फ़्रांसीसी ही मातृभाषा बनी। शुरू में माता-पिता के साथ विभिन्न देशों की यात्रा की, बाद में विश्व-यात्री ही बन गए। प्रथम विश्व-युद्ध में युद्ध संवाददाता रहे। फिर पत्रकारिता की। बचअपन से ही कविताएँ लिखते थे, बाद में फ़्रांसीसी भाषा के एक बड़े उपन्यासकार बने। लम्बे समय तक डिजाइनर रहे और ऑपेरा या ओपेरेटा संगीत के अनुरूप शब्दों का चुनाव करने वाले संगीत-लेखक या लिबरेटिस्ट भी रहे। | ||
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ब्लेज़ सान्द्रार
जन्म | 01 सितम्बर 1887 |
---|---|
निधन | 21 जनवरी 1961 |
उपनाम | Frédéric-Louis Sauser |
जन्म स्थान | ला-शो-दे-फ़ोन, स्विट्जरलैण्ड |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
नोफ़गरद की जनश्रुति (1907, 1996 में प्रकाशित), अनुक्रम (1912), न्यूयार्क में ईस्टर (1912), साइबेरिया के आर-पार गुज़रने वाला रेलमार्ग और फ़्रांस का छोटा जेहान (1913), लक्समबर्ग में युद्ध (1916), पनामा या मेरे सात चाचाओं का कारनामा (1918), 19 लोचदार कविताएँ (1919), रोडमैप (1924), कोडक — एक वृत्तचित्र (1924) — सभी कविता-संग्रह | |
विविध | |
स्वीट्जरलैण्ड में एक व्यापारी परिवार में जन्म लेने और परिवार की भाषा फ़्रांसीसी होने की वजह से फ़्रांसीसी ही मातृभाषा बनी। शुरू में माता-पिता के साथ विभिन्न देशों की यात्रा की, बाद में विश्व-यात्री ही बन गए। प्रथम विश्व-युद्ध में युद्ध संवाददाता रहे। फिर पत्रकारिता की। बचअपन से ही कविताएँ लिखते थे, बाद में फ़्रांसीसी भाषा के एक बड़े उपन्यासकार बने। लम्बे समय तक डिजाइनर रहे और ऑपेरा या ओपेरेटा संगीत के अनुरूप शब्दों का चुनाव करने वाले संगीत-लेखक या लिबरेटिस्ट भी रहे। | |
जीवन परिचय | |
ब्लेज़ सान्द्रार / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- ओरियन (मिथकीय तारा) / ब्लेज़ सान्द्रार / अनिल जनविजय
- भूमध्य रेखा / ब्लेज़ सान्द्रार / अनिल जनविजय
- तितली / ब्लेज़ सान्द्रार / अनिल जनविजय
- द्वीप / ब्लेज़ सान्द्रार / अनिल जनविजय
- दृश्य / ब्लेज़ सान्द्रार / अनिल जनविजय
- रेलगाड़ी में / ब्लेज़ सान्द्रार / अनिल जनविजय
- पुश्ते पर / ब्लेज़ सान्द्रार / अनिल जनविजय
- वर्तनी की ग़लतियाँ / ब्लेज़ सान्द्रार / अनिल जनविजय
- समुद्र के आर-पार यात्रा / ब्लेज़ सान्द्रार / अनिल जनविजय
- सुबह मेरी है / ब्लेज़ सान्द्रार / अनिल जनविजय