भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=विपिनकुमार अग्रवाल
|संग्रह=
}}
<poem>
मौसम सा प्यार था
अखबार की खबर में
जान लेना मैं अपना
चलते-चलते आभार प्रकट गर गया।
</poem>