भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"बाकी बच गया अण्डा / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) (New page: रचनाकार: नागार्जुन Category:कविताएँ Category:नागार्जुन ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~ पाँ...) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 7 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{KKGlobal}} | |
− | + | {{KKRachna | |
− | + | |रचनाकार=नागार्जुन | |
− | + | }} | |
− | + | {{KKPrasiddhRachna}} | |
− | + | {{KKCatKavita}} | |
− | पाँच पूत भारतमाता के, दुश्मन था | + | <poem> |
− | + | पाँच पूत भारतमाता के, दुश्मन था खूँखार | |
− | गोली खाकर एक मर गया, | + | गोली खाकर एक मर गया, बाक़ी रह गए चार |
चार पूत भारतमाता के, चारों चतुर-प्रवीन | चार पूत भारतमाता के, चारों चतुर-प्रवीन | ||
+ | देश-निकाला मिला एक को, बाक़ी रह गए तीन | ||
− | + | तीन पूत भारतमाता के, लड़ने लग गए वो | |
− | + | अलग हो गया उधर एक, अब बाक़ी बच गए दो | |
− | तीन पूत भारतमाता के, लड़ने लग | + | |
− | + | ||
− | अलग हो गया उधर एक, अब | + | |
दो बेटे भारतमाता के, छोड़ पुरानी टेक | दो बेटे भारतमाता के, छोड़ पुरानी टेक | ||
+ | चिपक गया है एक गद्दी से, बाक़ी बच गया एक | ||
− | + | एक पूत भारतमाता का, कन्धे पर है झण्डा | |
− | + | पुलिस पकड़कर जेल ले गई, बाकी बच गया अण्डा | |
− | एक पूत भारतमाता का, कन्धे पर है | + | |
− | + | ||
− | पुलिस | + | |
− | + | ||
− | + | '''रचनाकाल : 1950 | |
+ | </poem> |
13:52, 30 दिसम्बर 2020 के समय का अवतरण
पाँच पूत भारतमाता के, दुश्मन था खूँखार
गोली खाकर एक मर गया, बाक़ी रह गए चार
चार पूत भारतमाता के, चारों चतुर-प्रवीन
देश-निकाला मिला एक को, बाक़ी रह गए तीन
तीन पूत भारतमाता के, लड़ने लग गए वो
अलग हो गया उधर एक, अब बाक़ी बच गए दो
दो बेटे भारतमाता के, छोड़ पुरानी टेक
चिपक गया है एक गद्दी से, बाक़ी बच गया एक
एक पूत भारतमाता का, कन्धे पर है झण्डा
पुलिस पकड़कर जेल ले गई, बाकी बच गया अण्डा
रचनाकाल : 1950