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"एक छोटी कविता / ज्ञानेन्द्रपति" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: '''एक छोटी कविता''' एक ज्योतित कविता जो न जाने कितने अंधेरों से गुजर …)
 
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'''एक छोटी कविता'''
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एक ज्योतित कविता
 
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एक हँसमुख कविता
 
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जिसके वक्ष में न जाने कितनी
 
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उदासियाँ हैं
 
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जिसकी मितभाषिता में मुखर है
 
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ज़िन्दगी की बड़ाई
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ज्ञानेन्द्रपति
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09:53, 31 दिसम्बर 2020 का अवतरण

एक ज्योतित कविता
जो न जाने कितने अंधेरों से गुजर कर
लिखी गयी है

एक हँसमुख कविता
जिसके वक्ष में न जाने कितनी
उदासियाँ हैं

एक छोटी कविता
जिसकी मितभाषिता में मुखर है
ज़िन्दगी की बड़ाई