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"एक छोटी कविता / ज्ञानेन्द्रपति" के अवतरणों में अंतर
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09:53, 31 दिसम्बर 2020 का अवतरण
एक ज्योतित कविता
जो न जाने कितने अंधेरों से गुजर कर
लिखी गयी है
एक हँसमुख कविता
जिसके वक्ष में न जाने कितनी
उदासियाँ हैं
एक छोटी कविता
जिसकी मितभाषिता में मुखर है
ज़िन्दगी की बड़ाई