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<poem>
हवा हूँ, हवा, मैं बसंती हवा हूँ
कसम इस हृदय की, सुनो बात मेरी--
अनोखी हवा हूँ बड़ी बावली हूँ
 
बड़ी मस्तमौला। न
हँसी चमचमाती भरी धूप प्यारी;
बसंती हवा में हँसी सृष्टि सारी!
हवा हूँ, हवा मैं बसंती हवा हूँ!</poem>
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