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किसी और ही जगह ठहरी हुई
उस रेलगाड़ी की
खो दिया है जिसने, अपने गंतव्य गन्तव्य का होश
बेवक़्त
मुझे छोड़ कर कभी मत जाना , प्राण !
एक घण्टे के लिए भी नहीं,
एक सैकेण्ड के लिए भी
मुझे छोड़ कर छोड़कर मत जाओ !!!
क्योंकि,
पृथ्वी के ऊपर चक्कर —
तुम क्या मिलोगी मुझे फिर वापिस?
या इस हालत में छोड़ कर मृत
जा चुकी होगी तुम सदा के लिए !
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