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पुनश्च - मैने गुलाम मुर्तजा राही जी की कविता को "अवर्गीकृत रचनाएँ" की श्रेणी मे डाला है । -- संजीव द्विवेदी | पुनश्च - मैने गुलाम मुर्तजा राही जी की कविता को "अवर्गीकृत रचनाएँ" की श्रेणी मे डाला है । -- संजीव द्विवेदी | ||
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+ | ललित साहब, हर कविता ठीक left alignment में नहीं लिखी होती, एक लाइन ठीक बाएँ से शुरु होती | ||
+ | है तो अगली कुछ स्पेस छोड़कर। चौपाल पर मुझे प्रतिष्ठा जी ने, लाइन के शुरुआत में कोलनों का इस्तेमाल | ||
+ | सुझाया, पर इससे बात नहीं बनती, इस तरीके से कभी कम तो कभी ज़्यादा जगह छोड़कर लाइन शुरु | ||
+ | हो जाती है। छपाई में जैसी indentation है मैं वैसी ही देना चाहता हूँ।--[[सदस्य:Sumitkumar kataria|Sumitkumar kataria]] ०८:४८, २३ जनवरी २००८ (UTC) |
14:18, 23 जनवरी 2008 का अवतरण
"गाँव से घर निकलना है / यश मालवीय" में कविता की पहली लाइन डिज़ाइन की लाइन के साथ निल रही थी -सो मैनें उसे ठीक कर दिया। -ललित
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शुक्रिया ललित —पूर्णिमा वर्मन
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नमस्ते ललित, कैसा रहे अगर हम हर कवि का छोटा परिचय भी रखें उसकी कविताओं की सूची वाले पृष्ठ पर? पूर्णिमा वर्मन
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नमस्कार पूर्णिमा जी,
विचार बहुत बढिया है। लेकिन छोटा सा क्यो, पूरी जीवनी ही रखी जा सकती है। जीवनियाँ टाइप करने की बात मितुल कह रहे थे। आशा है कि वे इस बारे में सहायता करेंगे।
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ठीक है ललित, मैं कुछ कवियों का संक्षिप्त परिचय लगा रही हूं। इससे कोश का एक आकार आ जाएगा जब विस्तृत जीवनी मिलेगी तो हम पुनः स्थापित कर देंगे।
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नमस्ते ललित,
मैं निम्नलिखित कवियों की कुछ रचनाओं का योगदान कर सकता हूँ:
गिरिधर, रामनरेश त्रिपाठी, भूषण, तुलसीदास, श्रीधर पाठक, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', वृन्द, नरेंद्र शर्मा, भवानीप्रसाद मिश्र, बिहारीलाल, रामाधारी सिंह दिनकर, त्रिलोचन, नागार्जुन, रामेश्वर शुक्ल 'अंचल'
अतः आपसे अनुरोध है कि उपरोक्त कवियों के नाम जोड़े।
जी.के. अवधिया
बहुत बहुत धन्यवाद आप को इस वेब साइट पर किये गये योगदान के लिये पुरस्कृत किया जाना चाहिये - Sonia.
- प्रोत्साहन के लिये बहुत शुक्रिया सोनिया जी। --Lalit Kumar ०९:२३, ११ जुलाई २००७ (UTC)
श्री ललित जी,
कुछ रचनाएँ जो सूचीबद्ध कवियों की नही है ,क्या उन्हे "विविध कवि" के नाम से नही रखा जा सकता,ताकि अन्य पाठक उन्हे पढ सके। ये मेरा विनम्र सुझाव है । -- संजीव द्विवेदी
पुनश्च - मैने गुलाम मुर्तजा राही जी की कविता को "अवर्गीकृत रचनाएँ" की श्रेणी मे डाला है । -- संजीव द्विवेदी
indentation का क्या करूँ?
ललित साहब, हर कविता ठीक left alignment में नहीं लिखी होती, एक लाइन ठीक बाएँ से शुरु होती है तो अगली कुछ स्पेस छोड़कर। चौपाल पर मुझे प्रतिष्ठा जी ने, लाइन के शुरुआत में कोलनों का इस्तेमाल सुझाया, पर इससे बात नहीं बनती, इस तरीके से कभी कम तो कभी ज़्यादा जगह छोड़कर लाइन शुरु हो जाती है। छपाई में जैसी indentation है मैं वैसी ही देना चाहता हूँ।--Sumitkumar kataria ०८:४८, २३ जनवरी २००८ (UTC)