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|जन्म=17 अगस्त 1943 | |जन्म=17 अगस्त 1943 | ||
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|जीवनी=[[विज्ञान व्रत / परिचय]] | |जीवनी=[[विज्ञान व्रत / परिचय]] | ||
|अंग्रेज़ीनाम=Vigyan Vrat, Vijyan Vrat | |अंग्रेज़ीनाम=Vigyan Vrat, Vijyan Vrat |
10:28, 27 मई 2022 का अवतरण
विज्ञान व्रत
जन्म | 17 अगस्त 1943 |
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जन्म स्थान | तेड़ा, मेरठ, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
ग़ज़ल-संग्रह- बाहर धूप खड़ी है , चुप की आवाज़ , जैसे कोई लौटेगा , तब तक हूँ , मैं जहाँ हूँ , शर्मिन्दा पैमाने थे , किसका चेहरा पहना है , भूल बैठा हूँ जिसे , मेरा चेहरा वापस दो , याद आना चाहता हूँ , लेकिन ग़ायब रौशनदान , मेरे वापस आने तक । दोहा -संग्रह- खिड़की भर आकाश। सीडी( ग़ज़लों का संगीतबद्ध अल्बम), नवगीत-संग्रह- नेपथ्यों की आवाज़, ; बालगीत संग्रह: अक्कड़ - बक्कड़ इल्ली - गिल्ली ; | |
विविध | |
देश / विदेश की मुख्य कलादीर्घाओं में मेरे चित्रों की 39 एकल प्रदर्शनियाँ। सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार द्वारा Senior Fellowship (चित्रकला),ललित कला अकादमी दिल्ली द्वारा आयोजित राष्ट्रीय/अन्तरराष्ट्रीय 26 चित्रकला - शिविरों में भागीदारी। विश्व हिन्दी सम्मेलन (दक्षिण अफ़्रीका) , इंग्लैंड और आयरलैंड के प्रमुख शहरों ,मॉरीशस और सिंगापुर में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय कविसम्मेलनों में काव्य पाठ। इंग्लैंड के NRI कवियों की हिन्दी , उर्दू और पंजाबी 27 कविताओं ("Colours Of Poetry" में प्रकाशित) का अँग्रेज़ी में भावानुवाद। विदेश यात्राएँ : लगभग 15 देशों की साहित्यिक/सांस्कृतिक यात्राएँ। चित्रों का संग्रह : राष्ट्रपति भवन नयी दिल्ली , देश की प्रमुख अकादमियों , प्रसिद्ध व्यापारिक संस्थानों तथा देश/विदेश के शताधिक व्यक्तिगत संग्रहों में मेरे चित्र संगृहीत। | |
जीवन परिचय | |
विज्ञान व्रत / परिचय |
ग़ज़ल-संग्रह
- बाहर धूप खड़ी है / विज्ञान व्रत
- चुप की आवाज / विज्ञान व्रत
- जैसे कोई लौटेगा / विज्ञान व्रत
- तब तक हूँ / विज्ञान व्रत
- खिड़की भर आकाश / विज्ञान व्रत
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- और सुनाओ कैसे हो तुम / विज्ञान व्रत
- तपेगा जो / विज्ञान व्रत
- जैसे बाज़ परिन्दों में / विज्ञान व्रत
- तेरा ही तो हिस्सा हूँ / विज्ञान व्रत
- मैं था तन्हा एक तरफ़ / विज्ञान व्रत
- एक सवेरा साथ रहे / विज्ञान व्रत
- बच्चे जब होते हैं बच्चे / विज्ञान व्रत
- तनहा क्या करता बेचारा / विज्ञान व्रत
- या तो हमसे यारी रख / विज्ञान व्रत
- तुमने जो पथराव जिए / विज्ञान व्रत
- मेरे सपनों का किरदार / विज्ञान व्रत
- दिल भी वो है, धड़कन भी वो / विज्ञान व्रत
- वो सितमगर है तो है / विज्ञान व्रत
- झगड़े की कुछ वजह न हो तो / विज्ञान व्रत
- आज समन्दर है बेहाल / विज्ञान व्रत
- आज निशाने जिन पर हैं / विज्ञान व्रत
- आग, हवा, पानी का डर था / विज्ञान व्रत
- दर्द पुराना है अपने घर / विज्ञान व्रत
- क्या दहशत क्या मंज़र है / विज्ञान व्रत
- अबके ऐसी चाल चलेगा / विज्ञान व्रत
- अपना पीछा करता जाऊँ / विज्ञान व्रत
- मैं थोड़ा जल्दी में था / विज्ञान व्रत
- सीधी-सादी बात इकहरी / विज्ञान व्रत
- आज बग़ावत सच कहना / विज्ञान व्रत
- यूँ चेहरा-दर-चेहरा भी वो / विज्ञान व्रत
- जुगनू ही दीवाने निकले / विज्ञान व्रत
- मुझको अपने पास बुलाकर / विज्ञान व्रत
- मैं कुछ बेहतर ढूँढ़ रहा हूँ / विज्ञान व्रत
- तुम हो तो ये घर लगता है / विज्ञान व्रत
- सुन लो जो सय्याद करेगा / विज्ञान व्रत
- सारा ध्यान खजाने पर है / विज्ञान व्रत
- मुझको जब ऊँचाई दे / विज्ञान व्रत
- ख़ुद से आँख मिलाता है / विज्ञान व्रत
- मजदूरी के पैसे हो तुम / विज्ञान व्रत
- तल्ख़ नजारे गांवों में / विज्ञान व्रत
- बस अपना ही ग़म देखा है / विज्ञान व्रत
- उनसे मिलने जाना है / विज्ञान व्रत
- एक ज़रा सी दुनिया घर की / विज्ञान व्रत
- चुप रहता था क्या करता / विज्ञान व्रत
- बरसों ख़ुद से रोज ठनी / विज्ञान व्रत
- अपने मुँह पर ताले रखना / विज्ञान व्रत