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1जिनके लिए मैं मिटा उम्रभर, उन सबने दुत्कार दियाजिनकी खातिर प्राण लुटाए, सदा पीठ पर वार किया।‘हम तेरे हैं’ जो कहते थे, वे सब अपनी राह गएएक तुम्हीं थे दर्द पिया पर, फिर भी जीभर प्यार किया।2जो भी अन्तिम गीत हो मेरा, सारे उजियारे नाम लिखूँजो भी मिले इन उजियारों से, उसे तुम्हारे नाम लिखूँ।पाप-पुण्य सभी होता मन का, मन को किसने देखा हैसभी लहरें खुद झेलूँ, तुझको सिर्फ़ किनारे नाम लिखूँ।
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