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आसीस अंजुरी भर / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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03:31, 23 नवम्बर 2022
<poem>
आसीस
अंजुरी
अँजुरी
भर लिये
हर द्वार पर
हमने पुकारा,
वीरबाला
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