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"फुलझड़ी / अशोक शाह" के अवतरणों में अंतर

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03:18, 21 जनवरी 2023 के समय का अवतरण

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।


धरती के सुदूर देहरी पर
रखा जलता हुआ दीया
देखा प्रकम्पित प्रकाष में
अनापेक्षित
चींटियाँ लौट रही थीं घर
पंक्तिबद्ध
मानो पृथ्वी के मजदूर
लपक रहे हो घर
भरते जल्दी-जल्दी डेग
 
नहीं जानता
इस दीपावली के शुभ मुहूर्त में
पहँुच पाँएगें घर
लिए हाथों में एक फुलझड़ी
अवनि की आखिरी छोर पर खडे़
प्रतिक्षारत
अपने मासूमों के लिए

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