Changes

{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नागार्जुन|संग्रह=
}}
[[Category:कविताएँ]][[Category:नागार्जुन]]{{KKCatKavita‎}}{{KKVID|v=Bbcj2Ca0dXg}}
<Poem>
नए गगन में नया सूर्य जो चमक रहा है
रंग-बिरंगे
यह जो इतने फूल खिले हैं
कल इनको मेरे प्राणों मे ने नहलाया था
कल इनको मेरे सपनों ने सहलाया था
346
edits