उन्हीं के लिये/महेन्द्र {{KKGlobal}}{{KKParichay|चित्र=Mahendra-neh.jpg|नाम=महेंद्र नेह<poem>|उपनाम= |जन्म=23 नवम्बर 1948 अब|जन्मस्थान=मथुरा उत्तर प्रदेश, भारतउन्हीं |मृत्यु=|कृतियाँ=सच के लिये यह ठाठ निराले होंगे (2004-2005), हम सब नीग्रो हैं (2016) - गीत व ग़ज़ल संग्रह। थिरक उठेगी धरती (2009) हमें साँच ने मारा (2015), उसे नहीं मालूम (2020) -कवितासंग्रह। लघुकथा संग्रह (2015)। भगत सिंह चालीसा (2021)जिनके हाथों से|विविध= प्रो. कमर रईस सद्भावना पुरस्कार, अमरावती साहित्य सम्मान, अक्षर सम्मान 2018छीन लिये गये औजार|अंग्रेज़ीनाम=Mahendra Nehयह ज़िन्दगी|जीवनी=[[महेंद्र नेह / परिचय]]अब}}उन्हीं के लिये====कविताएँ====जिनके मुंह सेझपट लिए गए निवाले* [[ज़हर / महेंद्र नेह]]* [[उन्हीं के लिए/ महेंद्र नेह]]* [[साथी, संस्कृति एक न होई / महेंद्र नेह]]* [[साधो, मिली-जुली ये आंखेंकुश्ती / महेंद्र नेह]]जिनके सपनों को* [[साधो, घर में घुसे कसाई / महेंद्र नेह]]कुचल दिया गया* [[साधो, यह कैसा मोदी / महेंद्र नेह]]और डाल दी गई उन पर राख* [[भाई ने भाई मारा रे / महेंद्र नेह]]* [[फ़िलवक़्त / महेंद्र नेह]]* [[ऐ लड़की / महेंद्र नेह]]* [[अलविदा / महेंद्र नेह]]* [[सलूक / महेंद्र नेह]]* [[हवा / महेंद्र नेह]]* [[हम वस्तु नहीं हैं / महेंद्र नेह]]* [[दोहे / महेंद्र नेह]]
ये कलम====गीत- नवगीत====उन्हीं के लिए* [[वक़्त पुकारे / महेंद्र नेह]]सच्चाई और न्याय * [[हम सर्जक हैं समय-सत्य के/ महेंद्र नेह]]रास्ते पर चलने के जुर्म में* [[इतने दर्द नहीं थे इससे पहले / महेंद्र नेह]]कत्ल कर दिया गया जिन्हें* [[उमस भरे दिन, एक नहीं, दो नहीं, अनगिन / महेंद्र नेह]]दर्ज कर दिया गया जिनका नाम* [[दुख परबत जैसे / महेंद्र नेह]]* [[ये जो बाज़ार है / महेंद्र नेह]]* [[माफ़िया ये समय / महेंद्र नेह]]* [[क़ैदख़ानों में / महेंद्र नेह]]* [[ये समय / महेंद्र नेह]]बगावत करनेवालों * [[बेच डाली है धरा कीगन्ध / महेंद्र नेह]]काली सूची * [[कन्धे हुए / महेंद्र नेह]]* [[हम बदला लेंगे / महेंद्र नेह]]* [[वर्जनाएँ अब नहीं / महेंद्र नेह]]* [[अग्नि पथ / महेंद्र नेह]]* [[रो रहे हैं ख़ून के आँसू / महेंद्र नेह]]====ग़ज़लें====* [[राख के ढेर में.अगन देखूँ / महेंद्र नेह]]<* [[ये जो अध्यात्म का चोला पहनने वाले हैं / महेंद्र नेह]]* [[वे सूरतें इलाही इस देश बसतियाँ हैं / महेंद्र नेह]]* [[एक चिड़िया के हाथों क़त्ल हुआ /poem>महेंद्र नेह]]